कृषि दर्शन शास्त्र (वैदिक कृषि और आधुनिक भारतीय इतिहास का सार)
वैदिक किसान श्रीमंत, तकनीकी वैज्ञानिक, कृषक, उत्पादक, पशुपालक होने के साथ-साथ एक कुशल व्यावसायिक भी थे पर अंग्रेज व हिंदुग्रेजो द्वारा बनाए व लागु किए गए काला कानूनों के कारण वे इतने निर्धन, दुखी, कर्जदार, बीमार, अशिक्षित बनते गए और परिवार व सामाजिक स्तर पर टूटते चले गए की आत्महत्या करने का सबसे ज्यादा दर किसानों में हो गया है यह किस प्रकार होता गया और इस समस्या का निवारण क्या है ? यही पुस्तक के माध्यम से बताया गया है. लेखक- यंत्रावेता आशुतोष कुमार (आनंद राज आर्य) संपर्क – aashu9026@gmail.com पेरहाप,सहार,भोजपुर(आरा), बिहार, पिन- 802208