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Hindu Sangathan aur Sattawadi Rajniti

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यह मान्यता है कि हिन्दू चेतना के अभाव के कारण ही देश में जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद आदि दोष पनपे हैं। अतः संघ हिन्दू चेतना को निर्माण करते हुए हिन्दू समाज के संगठन के कार्य में संलग्न है।

लेकिन जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद आदि के बल पर सत्ता-राजनीति करने वाले लोग हिन्दू संगठन के कार्य को अपने लिए खतरा समझते हैं और हर प्रकार से संघकार्य में बाधाएँ उपस्थित करने का प्रयत्न करते रहते हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक श्री बालासाहब देवरस के चुने हुए भाषणों एवं वार्तालापों के इस संकलन में हिन्दू तत्त्वज्ञान का प्रतिपादन, देश के इतिहास का विश्लेषण तथा सत्तावादी राजनीति के घिनौने चेहरे का निरूपण एकसाथ है।

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हिन्दू संगठन ओर सत्तावादी राजनीती

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यह मान्यता है कि हिन्दू चेतना के अभाव के कारण ही देश में जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद आदि दोष पनपे हैं। अतः संघ हिन्दू चेतना को निर्माण करते हुए हिन्दू समाज के संगठन के कार्य में संलग्न है।

लेकिन जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद आदि के बल पर सत्ता-राजनीति करने वाले लोग हिन्दू संगठन के कार्य को अपने लिए खतरा समझते हैं और हर प्रकार से संघकार्य में बाधाएँ उपस्थित करने का प्रयत्न करते रहते हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक श्री बालासाहब देवरस के चुने हुए भाषणों एवं वार्तालापों के इस संकलन में हिन्दू तत्त्वज्ञान का प्रतिपादन, देश के इतिहास का विश्लेषण तथा सत्तावादी राजनीति के घिनौने चेहरे का निरूपण एकसाथ है।